![]() |
GST Tax system short notes in hindi |
1.क्या है जीएसटी बिल
वस्तु एंव सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर कानून है। जीएसटी, भारत के कर ढांचें में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम है।
जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। जीएसटी एक एकीकृत कर है जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा।
जीएसटी लागू होने से पूरा देश,एकीकृत बाजार में तब्दील हो जाएगा और ज्यादातर अप्रत्यक्ष कर जैसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट, मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स आदि जीएसटी में समाहित हो जाएंगे।
इससे पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा।
जीएसटी पंजीकरण जी एस टी पंजीकरण प्रभावसीमा को उत्तरपूर्वी राज्यों + सिक्किम के लिए 9 लाख रुपये और शेष भारत के लिए 19 लाख रुपये रखना प्रस्तावित किया गया है। हालांकि कर चुकाने की देयता उत्तरपूर्वी राज्यों + सिक्किम में 10 लाख रुपये की प्रभावसीमा पार करने के बाद और शेष भारत में 20 लाख रुपये की प्रभावसीमा पार करने के बाद ही लागू होगी। संभावना है कि लगभग 70-80 लाख व्यवसाय जी एस टी के अंतर्गत पंजीकृत होंगे। 75 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले छोटे डीलरों के पास कम्पोजीशन स्कीम अपनाने और टर्नओवर पर फ्लैट टैक्स चुकाने का विकल्प होगा।
जी एस टी के कर घटक
1. सी.जी.एस.टी.(केंद्रीय जी.एस.टी.) - यह राज्य के भीतर आपूर्ति पर लागू होता है। - एकत्र कर केंद्र को दिया गया जाएगा।
2. एस.जी.एस.टी.(राज्य जी.एस.टी.) - यह राज्य के भीतर आपूर्ति पर लागू होता है। - एकत्र कर राज्यों को दिया गया जाएगा।
3. यू.टी.जी.एस.टी.(केंद्र शासित जी.एस.टी.) - यह केंद्र शासित राज्यों के भीतर आपूर्ति पर लागू होता है। - एकत्र कर केंद्र शासित राज्यों को दिया गया जाएगा।
4. आई.जी.एस.टी.(एकीकृत जी.एस.टी.) - यह अंतरराज्यीय और आयात लेनदेन पर लागू होता है। - एकत्र कर राज्य और केंद्र के बीच साझा किया जाएगा।
मौजूदा समय में किस प्रकार के कर लगते हैं और जी एस टी के अंतर्गत वे किस तरह शामिल होंगे?
1. केंद्रीय कर -उत्पाद शुल्क ,सेवा कर, ए डी ई अधिभार और उपकर सी वी डी और एस ए डी
2. राज्य कर -वैट सी एस टी ,खरीद कर ,लक्जरी टैक्स अधिभार और उपकर, प्रवेश कर, जी एस टी के अंतर्गत कर किस तरह शामिल होंगे।
1. सी.जी.एस.टी.- उत्पाद शुल्क, सेवा कर, ए डी ई, अधिभार और उपकर
2. एस.जी.एस.टी./यू.टी.जी.एस.टी.- वैट, खरीद कर, लक्जरी टैक्स, अधिभार और उपकर, प्रवेश कर
3. आई.जी.एस.टी.- सी वी डी और एस ए डी, सी एस टी
2. जीएसटी के फायदे?
संविधान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारें अपने हिसाब से वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगा सकती हैं।
अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है। जीएसटी लागू होने से उत्पादों की कीमत कम होगी।
नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी में एक से पौने दो फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
किन उत्पादों पर लागू होगा जीएसटी?
2014 में पास संविधान के 122वें संशोधन के मुताबिक जीएसटी सभी तरह की सेवाओं और वस्तुओं/उत्पादों पर लागू होगा। पेट्रोलियम क्षेत्र और अल्कोहल यानी शराब इस टैक्स से बाहर होगी।
कैसे काम करेगा जीएसटी?
जीएसटी में तीन अंग होंगे – केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी और इंटीग्रेटेड जीएसटी। केंद्रीय और इंटीग्रेटेड जीएसटी केंद्र लागू करेगा जबकि राज्य जीएसटी राज्य सरकारें लागू करेंगी।
अगर जीएसटी भी वैट की तरह है तो फिर इसकी जरूरत क्यों?
हालांकि जीएसटी भी वैट जैसा ही टैक्स है, लेकिन इसके लागू होने से कई और तरह के टैक्स नहीं लगेंगे। इतना ही नहीं जीएसटी लागू होने से अभी लगने वाले वैट और सेनवेट दोनों खत्म हो जाएंगे।
किसी भी राज्य में सामान का एक दाम
जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा. पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा। यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी। जैसे कोई कार अगर आप दिल्ली में खरीदते हैं तो उसकी कीमत अलग होती है, वहीं किसी और राज्य में उसी कार को खरीदने के लिए अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसके लागू होने से कोई भी सामान किसी भी राज्य में एक ही रेट पर मिलेगा।
कर विवाद में कमी
अगर यह लागू हो जाता है तो कई बार टैक्स देने से छुटकारा मिल जाएगा। इससे कर की वसूली करते समय कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी। एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार टैक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ इसी टैक्स से सारे टैक्स वसूल कर लिए जाएंगे। इसके अलावा जहां कई राज्यों में राजस्व बढ़ेगा तो कई जगह कीमतों में कमी भी होगी।
कम होगी सामान की कीमत
इसके लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे। इसके लागू होने के बाद राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि भी खत्म हो जाएंगे। फिलहाल जो सामान खरीदते समय लोगों को उस पर 30-35 प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता है वो भी घटकर 20-25 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है।
जीएसटी लागू होने पर कंपनियों और व्यापारियों को भी फायदा होगा. सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. जब सामान बनाने की लागत घटेगी तो इससे सामान सस्ता भी होगा।
3. किसको होगा नुकसान
जीएसटी लागू होने से केंद्र को तो फायदा होगा लेकिन राज्यों को इस बात का डर था कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी।
गौरतलब है कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें। राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा।
4.क्यों जरूरी है जीएसटी
भारत का वर्तमान कर ढांचा बहुत ही जटिल है। भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य रूप से वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार राज्य सरकार और वस्तुओं के उत्पादन व सेवाओं पर कर लगाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है।
इस कारण देश में अलग अलग तरह प्रकार के कर लागू है, जिससे देश की वर्तमान कर व्यवस्था बहुत ही जटिल है। कंपनियों और छोटे व्यवसायों के लिए विभिन्न प्रकार के कर कानूनों का पालन करना एक मुश्किल होताहै।
टैक्स पर टैक्स की व्यवस्था समाप्त होगी
अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में कर-भार अंतिम उपभोक्ता को वहन करना पड़ता है, लेकिन कर का संग्रहण व्यवसायियों द्वारा किया जाता है। व्यवसायी को ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर की क्रेडिट मिलती है जिसका उपयोग वह अपने कर के भुगतान में कर सकता है।
इस व्यवस्था से कर केवल मूल्य संवर्धन (बिक्री – खरीद) या (Value Addition) पर ही लगता है। व्यवसायी उपभोक्ता से कर संग्रहित करता है और उसमें से अपनी इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर) को घटाकर बाकी कर सरकार को जमा करवाते है।
लेकिन वर्तमान व्यवस्था में भारत में केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क व सेवा कर और राज्य सरकार द्वारा बिक्री कर लगाया जाता है। इस कारण व्यवसायी को उत्पाद शुल्क और सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर ) का उपयोग नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर(सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता। इस कारण वर्तमान व्यवस्था में टैक्स पर टैक्स लग जाता है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की कीमत बढ़ जाती है ।
जीएसटी लागू होने से पूरे देश में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर होगा जिससे व्यवसायियों को ख़रीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी क्रेडिट मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा। इससे टैक्स केवल मूल्य संवर्धन पर ही लगेगा और टैक्स पर टैक्स लगाने की व्यवस्था समाप्त होगी जिससे लागत में कमी आएगी।
5. जीएसटी की मुख्य बातें
1. जीएसटी केवल अप्रत्यक्ष करों को एकीकृत करेगा, प्रत्यक्ष कर जैसे आय-कर आदि वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही लगेंगे।
2. जीएसटी के लागू होने से पूरे भारत में एक ही प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लगेगा जिससे वस्तुओं और सेवाओं की लागत में स्थिरता आएगी।
3. संघीय ढांचे को बनाए रखने के लिए जीएसटी दो स्तर पर लगेगा – सीजीएसटी (केंद्रीय वस्तु एंव सेवा कर) और एसजीएसटी (राज्य वस्तु एंव सेवा कर)।
4. सीजीएसटी का हिस्सा केंद्र को और एसजीएसटी का हिस्सा राज्य सरकार को प्राप्त होगा।एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री की स्थति में आईजीएसटी (एकीकृत वस्तु एंव सेवाकर) लगेगा।
5. आईजीएसटी का एक हिस्सा केंद्रसरकार और दूसरा हिस्सा वस्तु या सेवा का उपभोग करने वाले राज्य को प्राप्त होगा।
6. व्यवसायी ख़रीदी गई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी की इनपुट क्रेडिट ले सकेंगे जिनका उपयोग वे बेचीं गई वस्तुओं और सेवाओं पर लगने वाले जीएसटी के भुगतान में कर सकेंगे।सीजीएसटी की इनपुट क्रेडिट का उपयोग आईजीएसटी व सीजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान, एसजीएसटी की क्रेडिट का उपयोग एसजीएसटी व आईजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान और आईजीएसटी की क्रेडिट का उपयोग आईजीएसटी, सीजीएसटी व एसजीएसटी के आउटपुट टैक्स के भुगतान में किया जा सकेगा ।
7. जीएसटी के तहत उन सभी व्यवसायी, उत्पादक या सेवा प्रदाता को रजिस्टर्ड होना होगा जिन की वर्षभर में कुल बिक्री का मूल्य एक निश्चित मूल्य से ज्यादा है।
8. प्रस्तावित जीएसटी में व्यवसायियों को मुख्य रूप से तीन अलग अलग प्रकार के टैक्स रिटर्न भरने होंगे जिसमें इनपुट टैक्स, आउटपुट टैक्स और एकीकृत रिटर्न शामिल है।
6. जीएसटी का आम लोगों पर प्रभाव
अप्रत्यक्ष करों का भार अंतिम उपभोक्ता को ही वहन करना पड़ता है। वर्तमान में एक ही वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार के अलग अलग टैक्स लगते है लेकिन जीएसटी आने से सभी वस्तुओं और सेवाओं पर एक ही प्रकार का टैक्स लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आएगी। हालांकि इससे सेवाओं की लागत बढ़ जाएगी
दूसरा सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि पूरे भारत में एक ही रेट से टैक्स लगेगा जिससे सभी राज्यों में वस्तुओं और सेवाओं की कीमत एक जैसी होगी।
जीएसटी लागू होने से केंद्रीय सेल्स टैक्स (सीएसटी ), जीएसटी में समाहित हो जाएगा जिससे वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी ।
7. जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव
वर्तमान में व्यवसायों को अलग-अलग प्रकार के अप्रत्यक्ष करों का भुगतान करना पड़ता है जैसे वस्तुओं के उत्पादन करने पर उत्पाद शुल्क, ट्रेडिंग करने पर सेल्स टैक्स, सेवा प्रदान करने पर सर्विस टैक्स आदि। इससे व्यवसायों को विभिन्न प्रकार के कर कानूनों की पालना करनी पड़ती है जो कि बहुत ही मुश्किल एंव जटिल कार्य है। लेकिन जीएसटी के लागू होने से उन्हें केवल एक ही प्रकार अप्रत्यक्ष क़ानून का पालन करना होगा जिससे भारत में व्यवसाय में सरलता आएगी।
वर्तमान में व्यवसायी, उत्पाद शुल्क व सेवा कर के भुगतान में बिक्री कर की इनपुट क्रेडिट (ख़रीदे गए माल पर चुकाए गए कर) का उपयोग नहीं कर सकता और बिक्री कर के भुगतान में सेवा कर(सेवाओं पर चुकाए गए कर) और उत्पाद शुल्क (ख़रीदे गए माल पर लगे उत्पाद शुल्क) की क्रेडिट का उपयोग नहीं कर सकता। इस कारण वस्तुओं और सेवाओं की लागत बढ़ जाती है। लेकिन जीएसटी के लागू होने से व्यवसायियों को सभी प्रकार की खरीदी गयी वस्तुओं और सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी की पूरी क्रेडिट मिल जाएगी जिसका उपयोग वह बेचीं गयी वस्तुओं और सेवाओं पर लगे जीएसटी के भुगतान में कर सकेगा। इससे लागत में कमी आएगी।
ऐसा कहा जा रहा है कि जीएसटी के आने से व्यवसाय करना आसान हो जाएगा लेकिन शुरूआती वर्षों में व्यवसायों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए जीएसटी में प्रत्येक महीने में तीन अलग अलग तरह के रिटर्न फाइल करने पड़ेंगे।
वर्तमान में विभिन्न प्रकार के अप्रत्यक्ष करों में थ्रेसहोल्ड लिमिट (छूट की सीमा) अलग अलग है। मुख्य रूप से सेल्स टैक्स में थ्रेसहोल्ड लिमिट 5 लाख, सर्विस टैक्स में 10 लाख और उत्पाद शुल्क में 1.5 करोड़ है। जीएसटी आने से सभी प्रकार के व्यवसायों (ट्रेडिंग, उत्पादक या सेवा प्रदाता ) के लिए एक ही प्रकार की थ्रेसहोल्ड लिमिट (छूट की सीमा) रखने का प्रस्ताव है। यह थ्रेसहोल्ड लिमिट इन तीनों कानूनों (सेल्स टैक्स, सेवा कर और उत्पाद शुल्क) की वर्तमान लिमिट को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी।
वर्तमान में एक राज्य से दुसरे राज्य में माल बेचने पर 2 % की दर से केंद्रीय सेल्स टैक्स लगता है जिसकी इनपुट क्रेडिट नहीं मिलती। जीएसटी के लागू होने के बाद से केंद्रीय सेल्स टैक्स नहीं लगेगा जिससे वस्तुओं की लागत में कमी आएगी । हालांकि ऐसा प्रस्ताव था कि शुरूआती कुछ वर्षों में उत्पादक राज्यों में 1 % की दर से अतिरिक्त जीएसटी लगाया जाएगा ताकि जीएसटी की वजह से कुछ उत्पादक राज्यों को होने वाले राजस्व के नुकसान से बचाया जा सके लेकिन मुख्य विपक्षी दल के विरोध के कारण इस प्रस्ताव को वापस लिया जा सकता है।
8. जी एस टी कम्पोजीशन लेवी
वर्तमान राज्य अप्रत्यक्ष कर शासन ने छोटे डीलरों के लिए कम्पोजीशन स्कीम के नाम से एक सरल अनुपालना उपलब्ध कराई है। इस स्कीम के तहत आप, - कारोबार के एक निश्चित प्रतिशत भाग पर ही करों का भुगतान कर सकते हैं। - केवल आवधिक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं (प्रायः त्रैमासिक आधार पर)। - विस्तृत रिकार्ड न रखने या कर इनवाइसिंग नियम पालन न करने का विकल्प हो सकता है। - इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) नहीं ले सकते। - बिक्री पर कर एकत्रित नहीं कर सकते। अतएव छोटे कारोबारियों के लिए, कर देयता की गणना करना आसान होता है। इससे विस्तृत रिकार्ड रखने से जुड़े समय और परिश्रम की बचत होती है।
9. महत्वपूर्ण तथ्य
जीएसटी पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत को एकीकृत साझा बाजार बना देगा. जीएसटी विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है.
प्रत्येक चरण पर भुगतान किए गए इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है. अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा. इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जाएंगे.
कर दरों और संरचनाओं की एकरूपता : जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एकसमान हैं. इससे निश्चिंतता में तो बढ़ोतरी होगी ही व्यापार करना भी आसान हो जाएगा. दूसरे शब्दों में जीएसटी देश में व्यापार के कामकाज को कर तटस्थ बना देगा फिर चाहे व्यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी जाए.
करों पर कराधान (कैसकेडिंग) की समाप्ति : मूल्य श्रृंखला और समस्त राज्यों की सीमाओं से बाहर टैक्स क्रेडिट की सुचारू प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि करों पर कम से कम कराधान हों. इससे व्यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम होगी.
प्रतिस्पर्धा में सुधार : व्यापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा.
विनिर्माताओं और निर्यातकों को लाभ : जीएसटी में केंद्र और राज्यों के करों के शामिल होने और इनपुट वस्तुएं और सेवाएं पूर्ण और व्यापक रूप से समाहित होने और केंद्रीय बिक्री कर चरणबद्ध रूप से बाहर हो जाने से स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी. इससे भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी और भारतीय निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा. पूरे देश में कर दरों और प्रक्रियाओं की एकरूपता से अनुपालन लागत घटाने में लंबा रास्ता तय करना होगा.
वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के अनुपाती एकल एवं पारदर्शी कर : केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए बहुल अप्रत्यक्ष करों या मूल्य संवर्धन के प्रगामी चरणों में उपलब्ध गैर-इनपुट कर क्रेडिट के कारण आज देश में अनेक छिपे करों से अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की लागत पर प्रभाव पड़ता है. जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा.
समग्र कर भार में राहत : निपुणता बढ़ने और भ्रष्टाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्तओं को लाभ मिलेगा.
केंद्र और राज्य स्तर पर जीएसटी में जिन करों को शामिल किया जा रहा है वो हैं - केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त उत्पाद शुल्क, सेवा कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क आमतौर पर जिसे काउंटरवेलिंग ड्यूटी के रूप में जाना जाता है, और सीमा शुल्क का विशेष अतिरिक्त शुल्क.
राज्य स्तर पर, निम्न करों को शामिल किया जा रहा है - राज्य मूल्य संवर्धन कर/बिक्री कर, मनोरंजन कर (स्थानीय निकायों द्वारा लागू करों को छोड़कर), केंद्रीय बिक्री कर (केंद्र द्वारा लागू और राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाला), चुंगी और प्रवेश कर, खरीद कर, विलासिता कर और लॉटरी, सट्टा और जुआ पर कर.
जीएसटी के अंतर्गत प्रस्तावित पंजीकरण प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण विशेषताएं इस प्रकार है : 1. वर्तमान डीलर - वर्तमान वैट/केंद्रीय उत्पाद तथा सेवा कर देने वालों को जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण के लिए नया आवेदन नहीं कर पड़ेगा. 2. नए डीलर - जीएसटी के अंतर्गत पंजीकरण के लिए केवल एक आवेदन ऑनलाइन भरा जाएगा. 3. पंजीकरण संख्या पीएएन (पैन) आधारित होगी और केंद्र और राज्य दोनों के काम आएगी. 4. दोनों टैक्स अधिकारियों को एकीकृत आवेदन. 5. प्रत्येक डीलर को यूनिक आईडी जीएसटीआईएन दिया जाएगा. 6. तीन दिनों के अंदर मानित स्वीकृति. 7. केवल जोखिम वाले मामलों में पंजीकरण के बाद जांच.
10. वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरें
0% GST Rates Items – गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, मूड़ी (मुरमुरे), खोई, ब्रेड, गुड़, दूध, दही, लस्सी, खुला पनीर, अंडे, मीट-मछली, शहद, ताजी फल-सब्जियां, प्रसाद, नमक, सेंधा/काला नमक, कुमकुम, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, पान के पत्ते, गर्भनिरोधक, स्टांप पेपर, कोर्ट के कागजात, डाक विभाग के पोस्टकार्ड/लिफाफे, किताबें, स्लेट-पेंसिल, चॉक, समाचार पत्र-पत्रिकाएं, मैप, एटलस, ग्लोब, हैंडलूम, मिट्टी के बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार, बीज, बिना ब्रांड के ऑर्गेनिक खाद, सभी तरह के गर्भनिरोधक, ब्लड, सुनने की मशीन।
5% GST Rates Items – ब्रांडेड अनाज, ब्रांडेड आटा, ब्रांडेड शहद, चीनी, चाय, कॉफी, मिठाइयां, खाद्य तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, बच्चों के मिल्क फूड, रस्क, पिज्जा ब्रेड, टोस्ट ब्रेड, पेस्ट्री मिक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन फल-सब्जियां, पैकिंग वाला पनीर, ड्राई फिश, न्यूजप्रिंट, ब्रोशर, लीफलेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस, झाडू, क्रीम, मसाले, जूस, साबूदाना, जड़ी-बूटी, लौंग, दालचीनी, जायफल, जीवन रक्षक दवाएं, स्टेंट, ब्लड वैक्सीन, हेपेटाइटिस डायग्नोसिस किट, ड्रग फॉर्मूलेशन, क्रच, व्हीलचेयर, ट्रायसाइकिल, लाइफबोट, हैंडपंप और उसके पार्ट्स, सोलर वाटर हीटर, रिन्यूएबल एनर्जी डिवाइस, ईंट, मिट्टी के टाइल्स, साइकिल-रिक्शा के टायर, कोयला, लिग्नाइट, कोक, कोल गैस, सभी ओर (अयस्क) और कंसेंट्रेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस।
12% GST Rates Items – नमकीन, भुजिया, बटर ऑयल, घी, मोबाइल फोन, ड्राई फ्रूट, फ्रूट और वेजिटेबल जूस, सोया मिल्क जूस और दूध युक्त ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन मीट-मछली, अगरबत्ती, कैंडल, आयुर्वेदिक-यूनानी-सिद्धा-होम्यो दवाएं, गॉज, बैंडेज, प्लास्टर, ऑर्थोपेडिक उपकरण, टूथ पाउडर, सिलाई मशीन और इसकी सुई, बायो गैस, एक्सरसाइज बुक, क्राफ्ट पेपर, पेपर बॉक्स, बच्चों की ड्रॉइंग और कलर बुक, प्रिंटेड कार्ड, चश्मे का लेंस, पेंसिल शार्पनर, छुरी, कॉयर मैट्रेस, एलईडी लाइट, किचन और टॉयलेट के सेरेमिक आइटम, स्टील, तांबे और एल्यूमीनियम के बर्तन, इलेक्ट्रिक वाहन, साइकिल और पार्ट्स, खेल के सामान, खिलौने वाली साइकिल, कार और स्कूटर, आर्ट वर्क, मार्बल/ग्रेनाइट ब्लॉक, छाता, वाकिंग स्टिक, फ्लाईएश की ईंटें, कंघी, पेंसिल, क्रेयॉन।
18% GST Rates Items – हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉर्न फ्लेक्स, पेस्ट्री, केक, जैम-जेली, आइसक्रीम, इंस्टैंट फूड, शुगर कन्फेक्शनरी, फूड मिक्स, सॉफ्ट ड्रिंक्स कंसेंट्रेट, डायबेटिक फूड, निकोटिन गम, मिनरल वॉटर, हेयर ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कॉयर मैट्रेस, कॉटन पिलो, रजिस्टर, अकाउंट बुक, नोटबुक, इरेजर, फाउंटेन पेन, नैपकिन, टिश्यू पेपर, टॉयलेट पेपर, कैमरा, स्पीकर, प्लास्टिक प्रोडक्ट, हेलमेट, कैन, पाइप, शीट, कीटनाशक, रिफ्रैक्टरी सीमेंट, बायोडीजल, प्लास्टिक के ट्यूब, पाइप और घरेलू सामान, सेरेमिक-पोर्सिलेन-चाइना से बनी घरेलू चीजें, कांच की बोतल-जार-बर्तन, स्टील के ट-बार-एंगल-ट्यूब-पाइप-नट-बोल्ट, एलपीजी स्टोव, इलेक्ट्रिक मोटर और जेनरेटर, ऑप्टिकल फाइबर, चश्मे का फ्रेम, गॉगल्स, विकलांगों की कार।
28% GST Rates Items – कस्टर्ड पाउडर, इंस्टैंट कॉफी, चॉकलेट, परफ्यूम, शैंपू, ब्यूटी या मेकअप के सामान, डियोड्रेंट, हेयर डाइ/क्रीम, पाउडर, स्किन केयर प्रोडक्ट, सनस्क्रीन लोशन, मैनिक्योर/पैडीक्योर प्रोडक्ट, शेविंग क्रीम, रेजर, आफ्टरशेव, लिक्विड सोप, डिटरजेंट, एल्युमीनियम फ्वायल, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, डिश वाशर, इलेक्ट्रिक हीटर, इलेक्ट्रिक हॉट प्लेट, प्रिंटर, फोटो कॉपी और फैक्स मशीन, लेदर प्रोडक्ट, विग, घड़ियां, वीडियो गेम कंसोल, सीमेंट, पेंट-वार्निश, पुट्टी, प्लाई बोर्ड, मार्बल/ग्रेनाइट (ब्लॉक नहीं), प्लास्टर, माइका, स्टील पाइप, टाइल्स और सेरामिक्स प्रोडक्ट, प्लास्टिक की फ्लोर कवरिंग और बाथ फिटिंग्स, कार-बस-ट्रक के ट्यूब-टायर, लैंप, लाइट फिटिंग्स, एल्युमिनियम के डोर-विंडो फ्रेम, इनसुलेटेड वायर-केबल।
जीतू रीड
ReplyDeleteHey there,
ReplyDeleteNice blog
check out our blogs
punarnava powder amazon
Hey there,
ReplyDeleteNice blog
check out our blogs
punarnava powder amazon
Valuable content. Thank you so much for sharing this article. Know about the best medical diagnostic centre in Kerala.
ReplyDelete